सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला
CSIR-National Physical Laboratory
एनपीएल का घोषणापत्र
राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के तहत स्थापित प्रारम्भिक प्रयोगशालाओं में से एक है। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने 4 जनवरी 1947 को एनपीएल की आधारशिला रखी। स्वर्गीय डॉ. के.एस. कृष्णन, एफआरएस, प्रयोगशाला के पहले निदेशक थे। 21 जनवरी 1950 को तत्कालीन उप प्रधान मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा औपचारिक रूप से प्रयोगशाला के मुख्य भवन का उद्घाटन किया गया था। प्रयोगशाला के रजत जयंती समारोह का उद्घाटन 23 दिसंबर 1975 को तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा किया गया था ।
प्रयोगशाला का मुख्य उद्देश्य देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के समग्र विकास के लिए भौतिकी आधारित अनुसंधान और विकास को सशक्त और उन्नत करना है। विशेष रूप से इसके उद्देश्य हैं:
- राष्ट्र के लाभ के लिए मापन के राष्ट्रीय मानकों की स्थापना, अनुरक्षण और सतत सुधार करना और अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली पर आधारित मात्रक ज्ञात करना (1956 के अधिनियम के तहत जारी बाट और माप अधिनियम 1976 के अधिनियम के अंतर्गत1988 मे पुनः जारी किया गया । ) भौतिकी के क्षेत्रों में उचित विचार के बाद राष्ट्र की आवश्यकताओं और उन्नति के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्रों की पहचान और चयन करके उनमे अनुसंधान कार्य का संचालन करना।
- उद्योगों, राष्ट्रीय और अन्य एजेंसियों को सटीक मापन, अंशांकन, उपकरणों के विकास, प्रक्रियाओं और भौतिकी से संबंधित अन्य संबद्ध समस्याओं के समाधान द्वारा उनके विकासात्मक कार्यों में सहायता करना।
- स्वयं को अद्यतन रखना एवं भौतिकी की प्रस्थिति का विवेचनात्मक अध्ययन करना ।
- भौतिकी की प्रस्थिति का आलोचनात्मक अध्ययन करना ओर उससे अवगत करना ।
भार एवं माप अधिनियम 1956 (1976 के अधिनियम के तहत 1988 में पुनः जारी) के अधीनस्थ विधान के तहत अन्तरराष्ट्रीय प्रणाली (SI यूनिट) आधारित भौतिक मापनों की इकाइयों का प्रापण राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला का दायित्व है । मापन के राष्ट्रीय मानकों का प्रापण, स्थापन, अनुक्षरण, पुनरूत्पादन तथा अद्यतन कार्य एवं विभिन्न प्राचलों हेतु अंशांकन सुविधा का संवैधानिक दायित्व भी एनपीएल का ही है ।
वर्तमान में प्रयोगशाला 7 में से 6 एस आइ आधार मात्रकों का अनुरक्षण कर रही है, जो कि इस प्रकार हैं:- मीटर, किलोग्राम, सेंकड, केल्विन, एम्पीयर, कैंडेला। मोल (mol) की 7 वीं आधार मात्रक के प्रापण एवं स्थापन हेतु अनुसंधान एवं विकास कार्य जारी है। SI पूरक मात्रक हैं – रेडियन (rad) तथा स्टिरेडियन (Sr) ।
प्रयोगशाला द्वारा वर्तमान में अनुरक्षित व्युत्पन्न मात्रक इस प्रकार हैं:- बल, दाब, निर्वात, ज्योति फ्लक्स/प्रवाह, ध्वनि दाब, पराश्रव्य शक्ति तथा दाब और इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक प्राचलों हेतु मात्रक जैसेः– डीसी वोल्टता, प्रतिरोध, धारा एवं शक्ति,’ एसी वोल्टता; धारा एवं शक्ति; निम्न आवृत्ति वोल्टता; प्रतिबाधा तथा शक्ति; उच्च आवृत्ति; वोल्टता; शक्ति; प्रतिबाधा; संकीर्णन तथा शोर; माइक्रोवेव शक्ति; आवृत्ति; प्रतिबाधा; तथा संकीर्णन एवं शोर ।
एनपीएल में भौतिक मापन के राष्ट्रीय मानक अन्तरराष्ट्रीय मानकों के लिए अनुमार्गणीय हैं । प्रयोगशाला द्वारा भार एवं माप अन्तरराष्ट्रीय समिति (सीआईपीएम) की परामर्शी समितियों के अधीन अन्य देशों तथा एशिया प्रशांत मापिकी कार्यक्रम (एपीएमपी) के सदस्य देशों के राष्ट्रीय मापिकी संस्थानों (एनएमआई) द्वारा अनुरक्षित समतुल्य मानकों के साथ समय समय पर राष्ट्रीय मानकों की अंतर–तुलना की जाती है । एनपीएल के राष्ट्रीय मापन मानकों की अन्य राष्ट्रीय मापिकी संस्थानों के मानकों के साथ समतुल्यता स्थापित करने के क्रियाकलाप के परिणामस्वरूप एनपीएल द्वारा जारी अंशांकन प्रमाण–पत्रों को वैश्विक स्वीकार्यता प्राप्त है ।
पिछले कुछ वर्षों में प्रयोगशाला ने विषय पर अपनी विशेषज्ञता को विकसित किया है जिसके कारण यह मापन मानकों हेतु इसके आधार को शिल्पकृति/पुराविशेष/विरूपण साक्ष्य (artifact) से क्वांटम मानकों में स्थानातंरित करने में समर्थ हो सकी । वर्तमान में, ‘सेंकड’ का प्रापण सीजियम घड़ियों के कोष के माध्यम से किया जाता है । लेज़र विकिरणों की स्थिरीकृत आवृत्ति पर मीटर आधारित है । एसी जोसेफसन प्रभाव के द्वारा वोल्ट व ओम (ohm), क्वांटम हाल प्रभाव के द्वारा ओम (ohm) प्राप्त किया जाता हैं ।
प्रयोगशाला देश में शीर्ष स्तर की अंशांकन सेवाएं प्रदान करती है; परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NABL) की पेशकश, देश में राष्ट्रीय मान्यता निकाय (i) आवेदक प्रयोगशाला की सर्वोत्तम मापन क्षमता विशेष रूप से वैज्ञानिक क्षमता स्थापित करने के लिए इसके योग्य निर्धारक ; (ii) इसका तकनीकी इनपुट एनएबीएल को प्रत्यायन के लिए आवेदक प्रयोगशाला की उपयुक्तता तय करने में सक्षम बनाता है, और (iii) इसकी फैकल्टी/विभाग परीक्षण प्रयोगशालाओं को उनके माप में अनिश्चितता के आकलन के लिए प्रशिक्षित करती है ।
यह प्रयोगशाला प्रमाणित भारतीय संदर्भ सामग्री की योजना, प्रबंधन और प्रसार पर एक अंतर-प्रयोगशाला कार्यक्रम के संयोजन में संलग्न है, जिसे भारतीय निर्देशक द्रव्य (बीएनडी) भी कहा जाता है। यह उच्च गुणवत्ता मापन तथा राष्ट्रीय /अंतरराष्ट्रीय मापन प्रणाली (एस आई मात्रक ) के अनुरूप विश्लेषणात्मक मापकों की अनुमार्गणीयता का अनुरक्षण करता हैं ,ताकि गुणवत्ता प्रणाली (आई एस ओ /आई ई सी गाइड 17025) और राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड की अनिवार्य आवश्यकता की पूर्ति की जा सके।
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